Colic & Gas in babies: Remedies by expert which can reduce pain

Colic Pain: छोटे शिशुओं को अक्‍सर गैस की समस्‍या परेशान करती है और इसकी वजह से वो दर्द में कई घंटों तक रोते रहते हैं। इस स्थिति को कोलिक पेन कहा जाता है। Mayoclinic के अनुसार कोलिक पेन होने पर शिशु कई घंटों तक लगातार रोता रहता है, चिड़चिड़ा रहता है और सो नहीं पाता है। 6 हफ्ते तक के शिशु में कोलिक पेन अधिक देखा जाता है और 3 से 4 महीने के होने पर शिशुओं में यह समस्‍या खत्‍म होने लगती है। इस आर्टिकल में आप गुड़गांव में स्थि‍त मदरहुड हॉस्‍पीटल के नियोनेटोलॉजिस्‍ट और पीडियाट्रिशियन डॉक्‍टर संजय वजीर से जान सकते हैं कि शिशु में कोलिक पेन को दूर करने के घरेलू नुस्‍खे क्‍या हैं।

मालिश

बादाम और नारियल के तेल, दो सामान्य एसेंशियल ऑयल्‍स का उपयोग नवजात शिशुओं को शांत करने के लिए किया जा सकता है। पाचन को बढ़ावा देने के लिए मालिश इन तेलों से शिशु के पेट की मालिश करें। अपनी हथेली पर थोड़ा सा तेल लगाएं और धीरे-धीरे इससे सर्कुलर मोशल में मसाज करें। इसके अलावा डॉक्‍टर संजय शिशु में कोलिक पेन ठीक करने के लिए गर्म या गुनगुने पानी से नहलाने और सिकाई करने की भी सलाह देते हैं। इससे शिशु को गैस से राहत मिल सकती है। गर्म पानी से दर्द से आराम मिल सकता है। आप गर्म पानी में एक तौलियो को भिगोकर, उसे निचोड़ने के बाद शिशु के पेट पर हल्‍के से लगाएं।

पोजीशन बदलकर देखें

कोलिक पेन को ठीक करने के लिए डॉक्‍टर संजय शिशु की पोजीशन को बदलने की भी सलाह देते हैं। शिशु को पेट के बल लिटा दें या अपनी गोद में लिटाएं। शिशु को इस पोजीशन में सुलाएं नहीं क्‍योंकि इससे सडन इंफैंट डेथ सिंड्रोम का खतरा रहता है। टमी टाइम से भी गैस निकल सकती है।

हींग आएगी काम

हींग, गैस और पेट फूलने की प्रॉब्‍लम को कम करती है और पाचन में सुधार करती है। यह शिशु में कोलिक पेन के लिए भारत में एक प्रसिद्ध उपचार है। एक चम्मच पानी में एक चुटकी हींग डालकर उबाल लें। ठंडा होने के बाद इस मिश्रण को अपने शिशु की नाभि पर लगाएं। जिन बच्चों ने ठोस आहार लेना शुरू कर दिया है, उन्हें पानी या भोजन में थोड़ी-सी हींग मिलाकर दे सकते हैं।

अपनी डाइट पर ध्‍यान दें

मां जो भी खाती है, उसका असर ब्रेस्‍ट मिल्‍क पर पड़ता है और ये सीधा शिशु को प्रभावित करता है। अपने खान-पान का ध्यान रखें। यदि आपके शिशु को कोलिक पेन है, तो दो सप्ताह के लिए अपने आहार में डेयरी उत्पादों, ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थों और नट्स को शामिल न करके यह देखने की कोशिश करें कि बच्चे में सुधार होता है या नहीं।

इसके अलावा आप फॉर्मूला मिल्‍क का ब्रांड बदलकर भी देख सकती हैं। फॉर्मूला मिल्‍क के कुछ घटकों को कोलिक पेन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
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